Best sad zindagi shayari in hindi

जी रहे है अभी तेरी शर्तो के मुताबिक ऐ जिंदिगी,
 आएगा कभी हमारी फरमाइशों का भी…

वो तोड़ गए दिल अब बवाल क्या करें,
मेरी ही पसंद थी अब खुद से सवाल क्या करें …

स्टेशन जैसी हो गई है जिंदिगी
जहां लोग तो बहुत है पर अपना कोई नहीं …

सराफत का जमाना नहीं है,
जनाब माफ़ी मांग लो तो
कमजोर समझ लेते है लोग …

Read also – Pagal shayari

कुछ कह गए
कुछ सह गए,
कुछ कहते कहते रह गए..

Leave a Comment