Kadar shayari in hindi | Risto ki kadar shayari

Kadar Shayari: सम्मान जीवन में बेहद महत्वपूर्ण है। अगर हम एक-दूसरे का सम्मान करेंगे तो समाज में शांति और सौहार्द बना रहेगा।

हर व्यक्ति को अपने मान-सम्मान की आवश्यकता होती है। जब हम किसी की भावनाओं का सम्मान करते हैं तो वह व्यक्ति सकारात्मक भावनाएं प्रकट करता है।

यदि हम किसी का अपमान करते हैं तो वह नकारात्मकता का प्रदर्शन कर सकता है। इसलिए हमें हर व्यक्ति, चाहे वो किसी भी जाति, धर्म या लिंग का हो, का सम्मान करना चाहिए।

सम्मान देना सीखना चाहिए और सम्मान पाने की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। जब हम दूसरों का सम्मान करेंगे तो हमें भी सम्मान मिलेगा। सम्मान समाज को एकजुट बनाता है।

Kadar Shayari

प्यार उसी से करो जो,
प्यार की कदर जानता हो,
उससे नही जो हर किसी से,
दिल लगाना जानता हो।

kadar shayari in hindi

“ज़िन्दगी” का यह सफर कुछ इस कदर #सुहाना होना चाहिए
सितम भले हो हज़ार फिर भी “अंदाज़” शायराना होना चाहिए

pyar ki kadar shayari

“सोचते” हैं, सीख लें हम भी
बेरुखी करना_सब से,
सबको मोहब्बत देते-देते
हमने अपनी ;कदर; खो दी है ।

insan ki kadar shayari

#इश्क़ में किसी की याद इस_कदर ना सतायें,
आशिक बेइंतहा प्यार करके #बर्बाद हो जायें.

risto ki kadar shayari in hindi

#कदर करना सीखो उस प्यार की
जो बिना #मतलब के चाहत रखते है,
दुनिया में ऐसे लोग कम मिलते है जो
प्यार का “इजहार” खुलेआम करते हैं ।

kadar shayari hindi

#कदर होती उन्हे तो लौट आते ,
मुझे यू तन्हा_छोड़ कर ना जाते !!

risto ki kadar shayari

#जिन्दगी की हर सुबह कुछ ;शर्ते; लेके आती है,
और जिन्दगी की ;हर; शाम कुछ तर्जुबे देके जाती है,
ठोकर ना लगा मुझे #पत्थर नही हूँ मैं,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी #कदर कुछ भी नही,
#मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं..

insaan ki kadar shayari

#परख से परे है
शख्सियत मेरी,
मैं उन्हीं के_लिए हूँ,
जो समझे #कदर मेरी।

rishton ki kadar shayari

#मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफर से इस_कदर
कि ना ;खुद; से मिल पा रहा हूँ ना #मंजिल से।

waqt ki kadar shayari

#मुश्किल नहीं इस कदर यूँ तो, ये बयाँ ;जज़्बात; का
ये लफ्ज़ आ बीच में क्यों, #दुश्वारियाँ रख देते हैं.

#शिकायतें कितनी भी हो उन्हें ;दिल; में नही रखनी चाहिए,
माँ-बाप की #सेवा और कदर पूरी जिन्दगी_करनी चाहिए.

#सराहना करने वाले के लिए ;महत्वहीन;
लोग केवल_मिलते क्यों हैं ।nbsp;

;काम; करने वालों कीnbsp;
कद्र_करो,
कान भरने वालों की नहीं.

;प्यार” उसी से करो जो,
प्यार की कदर जानता हो,
उससे नही_जो हर किसी से,
दिल लगाना जानता हो।

‘” सारी दुनिया देखते हो कभी मेरी
और भी नज़र किया करो, दूसरों
का ख्याल रखते हो कभी मेरी
भी क़दर किया करो…!!

“ अकड़ तो सब में होती है मगर
झुकता वही है जिसको
रिश्ते की कदर होती है….!!

“ अगर आप चाहते हो
की आपके बच्चे कदर करे,
तो अपने बच्चों के
जीवन में संस्कार को भरे…!!

“ अपनो से रिश्ता
कभी नही तोड़ना चाहिए,
पर कदर ना हो तो
निभाना भी नही चाहिए…!!

“ आज कल किसी को किसी की कदर नहीं है
सब झूठे प्यार का करते है दिखावा
जब चला जाता है इंसान दूर उनसे
तो बाद मे करते है वो पश्तावा…!!

“ इंसान आपको जितनी इज्जत दे,
आपको उसकी उतनी
ही कदर करनी चाहिए….!!

“ इंसान पैसे के लिए हर दर्द सहता है,
इंसान कितना ज्यादा
पैसे की कदर करता है….!!

“ इस दुनिया में आपके प्यार की वो
लोग कभी कदर नहीं करेंगे
जो लोग सिर्फ आपको जर्रूरत
पड़ने पर ही याद करते है…!!!

“ उगते सूरज को सलाम
करता है ये शहर,
लंगड़े घोड़े की यहाँ
कोई नही कदर…!

“ उस बड़े घर के लड़कों को
किताब की कद्र ही नहीं, और
एक वो गरीब का बच्चा है जो
कूड़े से अखबार उठा कर पढ़ रहा है….!!

“ उसको हमारी कदर नहीं और
कितना हमको तड़पाओगे
अगर ऐसा ही चलता रहा
तो एक दिन हमें भी अपने
हाथो से गवाओगे…!!!

“ एक-दूसरे की कदर कीजिये,
तभी रिश्ते निभा पाएंगे,
वरना खून के रिश्ते भी,
बस नाम के रह जायेंगे…!!

“ ऑनलाइन तो सब होते हैं इगो
को साइड पर रखकर
मैसेज वही करता है जिसे रिश्ते
की कदर होती है…!!

“ कदर करलो उनकी जो तुमसे बिना
मतलब की चाहत करते है
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और
तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है…!!

“ कदर करो उसकी जो
तुम्हे दिल से चाहता है,
हसीन चेहरे पर तो हर
जवाँ दिल फ़िदा होता है…!!

“ कदर किरदार की होती है,
वरना कद में तो साया
भी इंसान से बड़ा होता है…!!

“ कदर मैंने की उसके प्यार
चाहत और जज्बात की
मगर उसने ऐसे मुँह फेरा कि
एक बार बात ना की…!!

“ कद्र कर अपने अपनों की
तू होगा अपनी दुनिया में बहुत
कुछ पर अपनों के बिना इस
दुनिया में तेरा कोई वजूद नहीं है…!!

“ क़द्र करो उस इंसान की जो
सबसे पास है तुम्हारे, जो
नज़दीक भी नहीं आना चाहते
उनका तो ख्याल करना भी छोड़ दो…!!

“ कद्र तो बस नई चीज़ की होती है
, पुरानी चीज़ हो चाहे रिश्ता इंसान
उसे बदलने की या फिर फेंकने की सोचता है…!!

“ काश उसकी मेने कदर की होती
आज वो किसी और की नहीं
सिर्फ मेरी होती..!!

“ काश मैंने उस वक्त
उसकी कदर की होती,
तो आज वो मेरी,
और सिर्फ मेरी हीं होती…!!

“ किसी को इतना भी सर पर मत
बैठा लेना की सर दर्द बन जाए और
किसी की इतनी भी खुशामद मत
करना की वो आपके लिए बेकदर हो जाए…!!

“ कुछ चीज़ों की अहमियत
खोने के बाद पता चलती है,
पर तब कुछ करने के नाम पर
बस पछतावा रह जाता है…!!

“ केवल मूर्ख वक़्त की
कदर नही करते है,
शायद उन्हें पता ही
नही, वक़्त ही जीवन है…!!

“ कोई बात नहीं अगर
आपको हमारी कदर नहीं
जिस दिन हो जायेगा पश्तावा आपको
कसम खुदा की आप रोयेंगी वही…!!

“ गरीब हो या अमीर,
सबकी कदर करते है,
इंसानियत को हम
अपनी नजर में रखते है…!!

“ चले जायेंगे तुझे तेरे
हाल पर छोड़कर,
कदर क्या होती है
, ये तुझे वक़्त सिखायेगा…!!

“ चाहा नहीं था कभी भटकुंगा इस कदर
मगर मिल गया तू जब से भटकने का
एक और बहाना मिल गया….!!

“ जहाँ कदर न हो अपनी
वहाँ जाना फ़िज़ूल है,
चाहे किसी का घर हो
चाहे किसी का दिल…!!

“ ज़िन्दगी में इतना सफर करने के बाद
एक बात तो सीख ली है मैंने की उस
गली में कभी अपना कदम भी मत
रखना जहाँ के लोग आपकी क़द्र ना करते हों…!!

“ जिन्हे नींद से प्यार है वो सुहाने
सपने देखते रहते हैं, पर जिन्हे
अपने सपनों की कद्र है
उन्हें नींद तक नहीं आती है…!!

“ जिस कदर उसकी
कदर की हमनें,
उस कदर बे कदर हुए हम…!!!

“ जिसकी कदर करो वो
वक़्त नही देता
जिसको वक़्त दो वो कदर
नही करता…!!

“ जिसे कदर होती है
वो छोड़ कर जाते नही,
छोड़ कर जाने वाले
कभी लौट कर आते नही…!!!

“ जो अपनी परिश्रम
से गदर करते है,
दुनिया वाले उन्हीं
की कदर करते है…!!

“ जो अपने माँ-बाप
की कदर करते है,
दुनिया उनकी कदर करती है…!!

“ जो मुफ्त में मिलता है,
उसकी कदर कौन करता है….!

“ जो लोग मोहब्बत
की कदर करते हैं,
अक्सर मोहब्बत
उन्हें रुला देती है…!!

“ जो सफल और काबिल है,
उसी की कदर है,
इंसान का चेहरा याद नही
आता, इतना बड़ा शहर है…!!

“ ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही
नहीं किया था उसने नहीं की कदर क्योंकि
उसने तो पैसा देखकर हमसे प्रेम किया था…!!!

“ तन्हाइयों में होगी तुझे मेरी कदर
अभी तो बहुत लोग है
तुम्हारे पास बात करने को..!!

“ नफरत करनी हैं
तो इस कदर करना
कि हम दुनिया से चले जाएं पर
तेरी आंख में आंसू आए…!!

“ ना कर झूठी तारीफ़ अपने
शहर की इस क़दर
के मैं भी गाँव छोड़ आऊँ और
भटकूँ दर बदर…!!

“ ना तोड़ो रिश्तें
थोड़ा सबर करो,
हर प्यार भरे रिश्तें की कदर करो….!!

“ निज़ाम ए मैकदा बिगड़ा हुआ
है इस कदर साकी
उसी को जाम मिलता है जिसे
पीना नहीं आता…!!

“ पता नहीं की आज कल लोग क्यों किसी
के जज़्बातो की कदर नहीं करते कितने पत्थर है
ये लोग अगर कोई इतना कर रहा उसकी भावनाओ
को ठेस पहुंचाने का बिलकुल ख्याल नहीं करते…!!

“ पहले मेहमान घर आते थे
तो कदर होती थी
अब मेहमान घर आते है
तो गदर होती है…!!

“ प्यार इतना ही रखो कि दिल संभल जाए,
इस कदर भी ना चाहो
कि दम निकल जाए…!!

“ बड़ा मुश्किल होता है
उस इंसान से प्यार करना,
जिस इंसान को प्यार
की ही कदर ना हो…!!

“ बस मेहनत और सब्र कर जिन्हे
आज मालूम भी नहीं की तू कौन है
, कल उन्हें ही तेरी सबसे ज्यादा कद्र होगी….!!

“ भगवान् से बस यही दुआ है
की चाहे जैसे मर्ज़ी हालत हों हाथ
फ़ैलाने की कभी नौबत ना आए…!!

“ भरोसा नहीं कर सकते ज़माने में
किसी का जो आज तक आपकी
कद्र करना नहीं छोड़ रहे हो सकता है
कल आपको बेइज़्ज़त
करने में कोई कसर ना छोड़ें….!!

“ मत बहा आंसू बेकद्रो के लिए,
जिनको कदर होती
है वह रोने नहीं देते…!!

“ मत हार इतनी जल्दी मुसीबत
के आगे थोड़ा तो सब्र कर, मत
टेक घुटने इतनी आसानी से
अपनी थोड़ी तो कद्र कर…!!

“ माँ-बाप की हमेशा
कदर किया करो,
क्योंकि वो बेवजह
प्यार किया करते है…!!

“ माना तेरी नजरों में मेरे
प्यार की कदर कुछ भी नही,
तेरे खातिर मैंने हुश्न की
मलिका को पलट कर देखा नही…!!

“ यही तो फितरत है इंसान की
मोहब्बत ना मिले तो
सब्र नहीं कर पाते
और मिल जाए तो
उसकी कदर नहीं कर पाते…!!

“ ये दिल उसी इंसान पर मरता है,
जो हमारी कदर नही करता है…!!

“ रिश्ते तोड़ने भी तो नहीं चाहिए,
लेकिन जहां कदर ना हो
वहां निभाने भी नहीं चाहिए…!!

“ रिश्तों की कदर पैसों की
तरह करनी चाहिए,
क्योंकि दोनों को कमाना
कठिन और गवाना आसन है…!!

“ वक़्त और कद्र बहुत कीमती है
आज कल के ज़माने में ये
बस उसके लिए निकले जाते हैं
जिनसे कम निकलता हो…!!

“ वक़्त निकल जाने
के बाद कदर की जाए,
तो वो कदर नही
अफ़सोस कहलाता है…!!

“ वक़्त रहते कद्र कर लो अपने
चाहने वालों की वरना जब वक़्त
बताएगा उनकी कद्र के बारे में
तब वो तुम्हे चाहना छोड़ देंगे…!!

“ वक्त रहते वक्त की कदर
करना सीख गये,
तो तुम बहुत कुछ पाओगे
वरना बहुत कुछ खोओगे,
और बहुत कुछ अपने
हाथों से गँवाओगे…!!

“ वह रिश्ता टूट जाता है जहाँ
दोनों लोग एक दूसरे की कद्र
करने की बजाय अपनी
अपनी कद्र पर ध्यान देने लगते हैं…!!

“ वो इंसान कभी
आपकी कदर नहीं करेगा,
जिसके आगे आप हमेशा झुकोगे…!!

“ वो जहान भी कितना खूबसूरत होगा,
जहाँ कदर करने से पहले इंसान
किसी भी व्यक्ति के कपड़े और
उसकी हैसियत नहीं देखेगा….!!

“ वो मेरी न थी इस बात की
मुझे खबर न थी
मैं पूरा उसका था इस बात
की उसे कदर न थी…!!

“ शिकायतें कितनी भी हो
उन्हें दिल में नही रखनी चाहिए,
माँ-बाप की सेवा और कद
र पूरी जिन्दगी करनी चाहिए…!!

“ शुरुवात में ही मत गिनना बस
थोड़ा सा सब्र करना जल्द ही
पता लग जाएगा की तुम्हारी
कद्र करने वाले कितने हैं….!!

“ सच्ची मोहब्बत में एक बात तो है
की कदर करने की आदत पड़ जाती है
लेकिन साली बाद में रुलाती बहुत है…!!

“ सच्चे प्यार की कदर करना
हर किसी के बस की बात नहीं
क्योंकि सच्चा प्यार हर कोई
नहीं कर सकता बात कड़वी है…!!

“ सीख जाओ वक्त पर
किसी की चाहत की कदर करना,
कहीं कोई थक ना जाए
तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते…!!

“ सोच रहे है सीख ले हम भी
बेरुखी करना
अपनी क़दर खो दी हमने सब
को इज्जत देते देते…!!

” कदर करनी है तो जीते जी करो,
वरना मरने पर तो
नफरत करने वाले भी रो पड़ते हैं…!!

” जिस घर में माँ
की कदर नही होती,
उस घर में कभी
बरकत नही होती…!!

अंधेरे में #पड़ती है कद्र ;जुगनुओं; की
उजाले में जुगनुओं की #औकात ही क्या है

अकड़ तो सब में होती है मगर,
झुकता वही है जिसको रिश्ते की कदर होती है।

अगर ;आप; चाहते है कि आप के #बच्चे कदर करे,
तो अपने बच्चों के “जीवन” में संस्कार को भरे.

अगर आप “चाहते” है कि आप के बच्चे कदर करे,
तो अपने बच्चों के “जीवन” में संस्कार को भरे.

अगर आप चाहते है कि आप के बच्चे कदर करे,
तो अपने बच्चों के जीवन में संस्कार को भरे.

अगर मेरे #जज्बातों की
तुझे कोई कदर नहीं,
तो तेरे भी_हालातों की
मुझे कोई फिकर नहीं।

अगर मेरे जज्बातों की
तुझे कोई कदर नहीं,
तो तेरे भी हालातों की
मुझे कोई फिकर नहीं।

अपने #आपको जो बहुत क़ीमती समझ लेते हैं,nbsp;
उन्हें इस “गलती” की बहुत भारी क़ीमत #चुकानी पड़ती है।

अपनो से #रिश्ता कभी नही तोड़ना चाहिए,
पर कदर ना हो तो “निभाना” भी नही चाहिए.

अपनो से रिश्ता कभी नही तोड़ना चाहिए,
पर कदर ना हो तो निभाना भी नही चाहिए.

आज “कल” किसी को किसी की कदर नहीं है
सब झूठे “प्यार” का करते है दिखावा,
जब चला जाता है #इंसान दूर उनसे
तो बाद मे करते है वो पश्तावा |

इंसान आपको जितनी इज्जत दे,
आपको उसकी उतनी ही कदर करनी चाहिए।

इंसान पैसे के लिए हर दर्द सहता है,
इंसान कितना ज्यादा पैसे की कदर करता है।

इतनी #मोहब्बत है करते उससे
क्यों कदर नहीं मेरे सच्चे_प्यार की,
दिल को लगती है इतनी चोट
जब वो “हमसे” कहती है
क्यों करते हो बाते ये #बेकार की |

इश्क़ में किसी की याद इस कदर ना सतायें,
आशिक बेइंतहा प्यार करके बर्बाद हो जायें.

इस क़दर #कड़वाहट आईं
उसकी बात में,
कि आखरी_खत भी
#दीमक से न खाया गया।

इस क़दर कड़वाहट आईं
उसकी बात में,
कि आखरी खत भी
दीमक से न खाया गया

इस कदर_उसका चेहरा बस गया है मेरी आँखों में
कि अब हर ;सूरत; में बस वो हीं नजर आता है.

इस से पहले कि सारे ख्वाब टूट जाएँ,
और यह जिंदगी हम से रूठ जाएँ,
एक दूसरे के प्यार में खो जाएँ इस कदर
कि हम सारे गमों को भूल जाएँ.

उगते ;सूरज; को सलाम करता है ये शहर,
लगड़े घोड़े की यहाँ कोई नही #कदर.

उगते सूरज को सलाम करता है ये शहर,
लंगड़े घोड़े की यहाँ कोई नही कदर।

उतर जाते है कुछ लोग दिल में इस कदर,
जिन्हें दिल से निकालों तो जान निकल जाती है.

उस वक़्त #समझोगे शायद तुम मेरी क़द्र ,
जब मैं नहीं रहूँगी, रह जाएगी मेरी_क़ब्र ।।

उसको “हमारी” कदर नहीं और
कितना हमको तड़पाओगे
अगर ऐसा ही_चलता रहा
तो एक दिन हमें भी अपने हाथो से गवाओगे |

उसे इतना वक़्त दे दिया
की वो हमारे वक़्त की
कदर करना ही भूल गया।

एक “छोटी” सी गलती पर तू मुझे छोड़ गया ,
जैसे तू #सदियों से मेरी गलती की तलाश में था.

एक “मज़बूत” रिश्ते के टूटने पर “हैरान” हो इस कदर,
तुमने लोहे को कभी_जंग लगते नहीं देखा;?

एक दिल है और #तूफ़ान-ए-हवादिस ऐ ज़िगरnbsp;

एक-दूसरे की कदर कीजिये, तभी रिश्ते निभा पाएंगे,
वरना खून के रिश्ते भी, बस नाम के रह जायेंगे।

ऐ बेवफा तेरी “बेवफ़ाई” में दिल बेकरार ना करूँ,
अगर तू कह दे तो तेरा ;इंतेज़ार; ही ना करूँ,
तू बेवफा है तो कुछ इस कदर बेवफ़ाई कर,
कि तेरे बाद मैं #किसी से प्यार ही ना करूँ।

ऑनलाइन तो सब होते हैं इगो को साइड पर रखकर,
मैसेज वही करता है जिसे रिश्ते की कदर होती है।

कदर “करलो” उनकी जो तुमसे बिना #मतलब की चाहत करते है
दुनिया में ख्याल_रखने वाले कम और ;तकलीफ; देने वाले ज्यादा होते है

कदर #किरदार की होती है,
वरना कद में तो साया भी #इंसान से बड़ा होता है।

कदर और “वक्त” भी कमाल के होते हैं
जिसकी कदर करो वो #वक्त नहीं देता
और जिसको #वक्त दो, वो कदर नहीं करता ।

कदर कर लिया करो कुछ लोग बार-बार नहीं
मिलते, और मेरी जैसे तो बिल्कुल नहीं।

कदर करना सीखो उस प्यार की
जो बिना मतलब के चाहत रखते है,
दुनिया में ऐसे लोग कम मिलते है जो
प्यार का इजहार खुलेआम करते है.

कदर करनी है तो जीते जी करो,
वरना मरने पर तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते हैं।

कदर करलो उनकी जो तुमसे,
बिना मतलब की चाहत करते है,
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम,
और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है।

कदर करो उनकी जो तुम्हे दिल से चाहते है,
वरना चेहरे पे तो हर कोई मरता है।

कदर करो उसकी जो तुम्हे दिल से चाहता है,
हसीन चेहरे पर तो हर जवाँ दिल फ़िदा होता है.

कदर करो सबकी तो सबसे कदर पाओगे

कदर किरदार की होती है,
वरना कद में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है।

कदर कीजिये जो वक्त पर हासिल है,
क्योंकि देर नहीं लगती देर होने में।

कदर न “करने” वालों के लिए मैं अपनी #आंखें नहीं रुलाती,nbsp;
अब खुश ना सही मैं, पर तुम्हारी_वजह से अपना दिल नहीं दुखाती।

कदर मैंने की उसके प्यार, चाहत और जज्बात की,
मगर उसने ऐसे मुँह फेरा कि एक बार बात ना की.

कदर वही करता है
जिसको जरुरत होती है,
बिना जरुरत के तो
कोई याद भी नही करता।

कदर होती उन्हे तो लौट आते,
मुझे यू तन्हा छोड़ कर ना जाते।

कदर_कर लो उनकी;
जो तुमसे;
बिना #मतलब की चाहत रखते हैं ।
दुनिया में #ख्याल रखने वाले कम;
और ;तकलीफ; देने वाले ज्यादा होते हैं ।

कदर_करो उसकी जो तुम्हे #दिल से चाहता है,
हसीन चेहरे पर तो हर_जवाँ दिल फ़िदा होता है.

कदर_वही करता है
जिसको #जरुरत होती है,
बिना जरुरत के तो
कोई #याद भी नही करता।

कहा था ;ना; एक दिन वो धोखा दे देंगे।
एक दिन अपना असली #रंग दिखा देंगे।।
क्यों करते हो #मजबूर किसीको बात करने के लिए,
जिसे कदर होगी वो खुद ही ;याद; कर लेंगे।।

काश मैंने उस वक्त उसकी कदर की होती,
तो आज वो मेरी, और सिर्फ मेरी हीं होती।

किस कदर #नादिम हुआ हूँ मैं बुरा_कहकर उसे,
क्या खबर थी #जाते-जाते वो दुआ दे जायेगा।

किसी की #खातिर मोहब्बत की ;इन्तेहाँ; कर दो,
लेकिन इतना भी नहीं कि उसको_खुदा कर दो,
मत चाहो किसी को ;टूट; कर इस कदर इतना,
कि अपनी वफाओं से उसको #बेवफा कर दो।

किसी के #यादों में अपनी रातों को इस कदर “बर्बाद” मत कर,
अगर कोई प्यार ना करे तो_तू किसी और को प्यार कर

किसी के यादों में अपनी रातों को इस कदर बर्बाद मत कर,
अगर कोई प्यार ना करे तो तू किसी और को प्यार कर.

कुछ #लोग देर से मिलते हैं,
पर हमेशा साथ-चलने वाले होते हैं ,
बेकदर ही नहीं हैं इस ;दुनिया; में ,
कुछ #कदर करने वाले भी होते है ।

कुछ इस कदर हमारी बातें कम हो गई,
“कैसे हो” से शुरू और “ठीक हूँ” पर खत्म हो गई.

कुछ इस कदर_तेज हो गई है #रफ्तार जिंदगी की
कि अब किसी को किसी की फ़िक्र हीं नही
किसी को #किसी की कदर हीं नहीं ।

केवल मूर्ख वक़्त की कदर नही करते है,
शायद उन्हें पता ही नही, वक़्त ही जीवन है.

कैसे भूल_जाऊँ मैं उसको,
जो चाहता है इस ;कदर;
हथेली की मेहंदी में लिखा है
उसने मेरा_नाम छिपाकर.

कोई दिल को इस कदर भी अच्छा ना लगे,
कि उसके बिना दुनिया में अच्छा कुछ ना लगे.

क्योंकि रिश्ते बनाने में बहुत देर लगती है।।

खुद्दार हो गया हूँ मैं भी कुछ इस क़दर,
कि अब मुझे भी नहीं रही तेरी कोई क़दर।

गरीब हो या “अमीर” सबकी कदर करते है,
इंसानियत को हम अपनी “नजर” में रखते है.

चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,
कदर क्या होती है, ये तुझे वक़्त सिखायेगा.

चाँद की क़दर भी
पत्थर जितनी हो जाएगी
बस तू हासिल करके देख ले।

जब कोई_खास, किसी की जिंदगी से “दूर” चला जाता है
तो वो शख्स, दूसरों की कदर_करना सीख जाता है ।

जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है,
चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।

जिस “दिन; मेरे #मौत आएगी,
उस दिन तुझे ज़रूर
मेरी कदर_समझ आएगी।

जिस #कदर उसकी कदर की,
उस कदर ;बेकदर; हुए हम।

जिस ;घर; में आपकी 3कदर न होती हो,
वहाँ नहीं जाना चाहिए और
अगर जाना “मजबूरी” हो, तो
महज ;औपचारिकता; निभानी चाहिए ।

जिस कदर उसकी कदर की हमनें,
उस कदर बे कदर हुए हम.

जिस घर में माँ की कदर नही होती,
उस घर में कभी बरकत नही होती.

जिस दिन मेरे मौत आएगी,
उस दिन तुझे ज़रूर
मेरी कदर समझ आएगी।

जिसकी कदर करो वो वक़्त नही देता,
जिसको वक़्त दो वो कदर नही करता.

जिसके “पास” तुम्हारे लिए वक़्त नहीं;.
तुम भी उसके लिए अपना #वक़्त जाया ना करो तो ;बेहतर; होगा;.

जिसे #कदर होती है वो छोड़_कर जाते नही,
छोड़ कर जाने #वाले कभी लौट कर आते नही.

जिसे कदर होती है वो छोड़ कर जाते नही,
छोड़ कर जाने वाले कभी लौट कर आते नही.

जैसे फिर_कभी होना ही नहीं,
दर्द जब भी हुआ इस #कदर हुआ;!

जो “सफल” और काबिल है उसी की कदर है,
इंसान का चेहरा_याद नही आता, इतना बड़ा शहर है.

जो #कदर करे आपकी, बस उसी के सामने सिर “झुकाइए”
जहाँ कदर ना हो, वहाँ तो बस #औपचारिकता निभाइए.

जो ;खो; दिया है उसका रोना तो लोग #जिंदगीभर रोते रहते हैं ,
फ़िर जो है पास #बेहद कीमती उसकी कभी_कद्र तक नहीं करते..!!!

जो अपनी परिश्रम से गदर करते है,
दुनिया वाले उन्हीं की कदर करते है।

जो अपने #माँ-बाप की कदर करते है,
दुनिया उनकी-कदर करती है.

जो अपने माँ-बाप की कदर करते है,
दुनिया उनकी कदर करती है.

जो इंसान वक़्त की कदर नहीं करता,
वक़्त उसकी कदर नहीं करता।

जो इंसान विनम्र होता है वो सबकी कदर करता है,
और जो अहंकार से भरा हुआ होता है वो ना तो किसी
की कदर करता है और ना कोई उसकी कदर करता है.

जो इंसान-विनम्र होता है वो सबकी “कदर” करता है,
और जो ;अहंकार; से भरा हुआ होता है वो ना तो किसी
की कदर करता है और ना कोई उसकी #कदर करता है.

जो कभी मेरे अल्फाजो की
कदर ना कर सके,
आज मेरी ख़ामोशी के
चलते बेजान पड़े हैं।

जो तुम्हारे पास है कदर कर लो
एक ऐसी भी दुनिया है,
जहां जाने के बाद
कोई वापस नहीं आता है।

जो बिना मतलब के चाहत रखते है

जो मुफ्त में मिलता है,
उसकी कदर कौन करता है.

जो लोग #एक-दूसरे की कदर नहीं कर सकते हैं,
वे लोग #एक-दूसरे से प्यार भी नहीं कर सकते हैं ।

जो लोग #मोहब्बत की कदर करते हैं
अक्सर मोहब्बत_उन्हें रुला देती है

जो लोग मोहब्बत की कदर करते हैं,
अक्सर मोहब्बत उन्हें रुला देती है।

जो सफल और काबिल है उसी की कदर है,
इंसान का चेहरा याद नही आता, इतना बड़ा शहर है.

टूटा हु इस कदर
अब कुछ भी न हो रहा असर,
तुझे कुछ भी न हैं खबर
तेरे लिए हम हैं एक हमसफ़र।

ठोकर ;ना; लगा मुझे #पत्थर नही हूँ मैं,
हैरत से ना देख_कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी ;कदर; कुछ भी नही,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं।

ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं।

तन्हाइयों में होगी तुझे मेरी कदर,
अभी तो बहुत लोग है तुम्हारे पास बात करने को।

तुझे देखकर #अचानक बेजान हो गई,
तेरी आशिक नजर पे “कुर्बान” हो गई,
तुमको लबों से कुछ_कह भी न सकी
इस कदर मैं #दिल से परेशान हो गई.

तुझे देखकर अचानक बेजान हो गई,
तेरी आशिक नजर पे कुर्बान हो गई,
तुमको लबों से कुछ कह भी न सकी
इस कदर मैं दिल से परेशान हो गई.

तोड़ेंगे गुरूर “इश्क” का और इस कदर सुधर जायेंगे,
खड़ी रहेगी #मोहब्बत और हम सामने से #गुजर जायेंगे.

तोड़ेंगे गुरूर इश्क का और इस कदर सुधर जायेंगे,
खड़ी रहेगी मोहब्बत और हम सामने से गुजर जायेंगे.

न थी जिसको मेरे_प्यार की कदर,
#इत्तेफ़ाक से उसी को चाह रहा था मैं,
उसी दीये ने जलाया मेरे हाथ को,
जिस को “हवा” से बचा रहा था मैं।

ना कर झूठी तारीफ़ अपने शहर की इस क़दर
के मैं भी गाँव छोड़ आऊँ और भटकूँ दर बदर

ना तोड़ो रिश्तें थोड़ा सबर करो,
हर प्यार भरे रिश्तें की कदर करो.

पता नहीं की आज_कल लोग क्यों किसी
के जज़्बातो की “कदर” नहीं करते, कितने पत्थर है
ये लोग अगर कोई इतना कर रहा, उसकी भावनाओ
को ठेस पहुंचाने का बिलकुल_ख्याल नहीं करते |

परख से परे है
शख्सियत मेरी,
मैं उन्हीं के लिए हूँ,
जो समझे कदर मेरी।

पहले “मेहमान” घर आते थे तो कदर होती थी,
अब मेहमान घर आते है तो #गदर होती है.

पहले मेहमान घर आते थे तो कदर होती थी,
अब मेहमान घर आते है तो गदर होती है।

प्यार इतना ही रखो कि दिल संभल जाए,
इस कदर भी ना चाहो कि दम निकल जाए।

प्यार_उसी से करो जो,
प्यार की #कदर जानता हो,
उससे नही जो हर किसी से,
;दिल; लगाना जानता हो।

फ़िक्र वो किया करते है,
जो हकीकत में कदर किया करते है।

फ़िक्र वो_किया करते है,
जो हकीकत में ;कदर; किया करते है।

फूल में #खुशबू सी, फ़क़त “ऐसे” ही तू मुझमें रहे,
मेरी कदर रहे तब_तक, जब तक तू मुझमे रहे,

बड़ा मुश्किल होता है उस इंसान से प्यार करना,
जिस इंसान को प्यार की ही कदर ना हो.

बात #छुपती नहीं छुपाने से
दर्द होता है “मुस्कुराने” से
कैसे कह दूँ की कोई फर्क नहीं पड़ता मुझे
इस कदर_तेरे रूठ जाने से

माँ-बाप की हमेशा कदर किया करो,
क्योंकि वो बेवजह प्यार किया करते है.

माना तेरी #नजरों में मेरे प्यार की कदर_कुछ भी नही,
तेरे खातिर मैंने हुश्न की #मलिका को पलट कर देखा नही.

माना तेरी नजरों में मेरे प्यार की कदर कुछ भी नही,
तेरे खातिर मैंने हुश्न की मलिका को पलट कर देखा नही.

मिलती हैं #नजरें तुझसे तो इस_कदर खो जाते हैं,
जैसे बच्चे भरे #बाज़ार में खो जाते हैं।

मेरी कदर तुझे उस दिन
नजर आएगी जिस दिन तू
मुझे अपने से दूर पाएगी।

मेरी ख़ुशी के लम्हें इस कदर छोटे है यारों,
गुजर जाते है मेरे मुस्कुराने से पहले.

मेरी जिंदगी की “कहानी” भी बड़ी मशहूर हुई,
जब मैं भी किसी के ग़म में चूर हुई,
मुझे इस #दर्द के साथ जीना पड़ा,
कुछ इस कदर मैं ;वक़्त; के हाथों मजबूर हुई।

मैं #कितनी दूर जा सकता हूं?
वह मुझ पर “शोध” कर रहे हैं

मोहब्बत कुछ सिख़ाए ना सिखाये,
पर किसी की कदर करना
जरूर सीख देती है।

यही तो फितरत है इंसान की,
मोहब्बत ना मिले तो सब्र नहीं कर पाते,
और मिल जाए तो,
उसकी कदर नहीं कर पाते।

ये ;जिंदगी; है दोस्त !!!
यहाँ कब्र और कद्र #8211;
जिन्दा “लोगो” को नहीं मिलती !!!

ये आंसू उसी के लिए बहाना,
जिसे तुम्हारे आंसुओ की कदर हो।

ये दिल उसी इंसान पर मरता है,
जो हमारी कदर नही करता है।

रिश्ते तोड़ने भी तो नहीं चाहिए,
लेकिन जहां कदर ना हो वहां निभाने भी नहीं चाहिए।

रिश्तों की कदर करो और उन्हें संभालों

रिस्ते तोड़ने तो नहीं चाहिए
लेकिन जहां आपकी कदर न हो,
वहाँ निभाना भी नहीं चाहिए।

लोग उस “वक़्त” हमारी कदर नहीं करते जब हम_अकेले हों;nbsp;
बल्कि लोग उस वक़्त हमारी_कदर करते हैं जब वो अकेले हों।

लोग उस वक़्त हमारी कदर नहीं करते जब हम अकेले हों,
बल्कि लोग उस वक़्त हमारी कदर करते हैं जब वो अकेले हों।

लोग हमारी कदर तब नही करते
जब हम अकेले हो,
तब करते है जब वो अकेले हो।

वक़्त की कदर शायरी
इस कदर जीना है मुझे,
कि आने वाले कल की फ़िक्र ना हो,
बीत गया जो कल में
उसका फिर कभी जिक्र ना हो.

वक़्त निकल जाने के बाद कदर की जाए,
तो वो कदर नही अफ़सोस कहलाता है.

वक्त बीत जाने के बाद,
कदर की जाए,
तो वो कदर नहीं
अफ़सोस कहलाता है।

वक्त रहते “वक्त” की कदर करना सीख गये, तो तुम बहुत_कुछ पाओगे
वरना बहुत कुछ खोओगे, और बहुत_कुछ अपने हाथों से गँवाओगे.

वक्त रहते वक्त की कदर करना सीख गये,
तो तुम बहुत कुछ पाओगे
वरना बहुत कुछ खोओगे,
और बहुत कुछ अपने हाथों से गँवाओगे।

वर्ना हम तो उसके लिए दुनियां से लड़ जाते।।

वे ;जल्दी; ही चले जाएंगे और आपसे चोरी करेंगे
समय आपको #सिखाएगा कि मूल्य क्या है।

वो “मेरी” न थी, इस बात की मुझे #खबर न थी,
मैं पूरा उसका था, इस_बात की उसे कदर न थी.

वो #इंसान कभी आपकी ;कदर; नहीं करेगा
जिसके आगे_आप हमेशा झुकोगे

वो ;मुझे; इस कदर जरूरी हैnbsp; ,
घण्टियाँ जैसे #मंदिरों के लिए!

वो इंसान कभी आपकी कदर नहीं करेगा,
जिसके आगे आप हमेशा झुकोगे।

वो मेरी “नहीं” थी इस बात की
मुझको खबर #तक ना थी,
मैं पूरा उसका था इस बात की
उसको ;कदर; तक ना थी।

वो मेरी न थी, इस बात की मुझे खबर न थी,
मैं पूरा उसका था, इस बात की उसे कदर न थी.

वो मेरी नहीं थी इस बात की
मुझको खबर तक ना थी,
मैं पूरा उसका था इस बात की
उसको कदर तक ना थी।

शिकायतें ;कितनी; भी हो उन्हें दिल में नही रखनी चाहिए,
#माँ-बाप की सेवा और कदर पूरी जिन्दगी_करनी चाहिए।

शिकायतें कितनी भी हो उन्हें दिल में नही रखनी चाहिए,
माँ-बाप की सेवा और कदर पूरी जिन्दगी करनी चाहिए।

सच्ची मोहब्बत की न कभी
कदर थी न आज होगी,
ताजमहल भी तो बनवाया गया था
मुमताज के मरने के बाद।

सीख जाओ किसी के
प्यार की कदर करना,
कही कोई बिखर न जाए
तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते।

सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना,
कहीं कोई थक ना जाए तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते।

सूनी आँखों का सपना था कोई,
क्या बताऊँ के किस कदर
अपना था कोई।

सोच रहे है सीख ले हम भी बेरुखी करना,
अपनी क़दर खो दी हमने सब को इज्जत देते देते।

हम उन चीज़ों की कदर करते हैं,
जिन्हे हम खोने से डरते हैं।

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